कोरोना के बाद अब मौसमी बीमारियों का कहर:जयपुर के हॉस्पिटल में150 से 200% तक बढ़ी मरीजों की संख्या;

 कोरोना संक्रमण अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि मौसमी बीमारियों के खतरा विकराल रूप लेने लगा है। पिछले 1 सप्ताह से राजधानी जयपुर में बच्चों के हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या में 200% का इजाफा हुआ है। जिसमें छोटे बच्चों को खांसी, जुखाम, बुखार, पेट-दर्द, उल्टी-दस्त जैसी समस्याएं सामने आ रही है। ऐसे में छोटे बच्चों की इम्यूनिटी पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। जिसकी वजह से कोरोना वायरस का खतरा भी फिर से बढ़ गया है।

 


 

जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ अरविंद शुक्ला ने बताया कि मौसम परिवर्तन के साथ ही आउटडोर में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। 1 सप्ताह पहले तक प्रतिदिन औसतन 200 से 300 बच्चों का इलाज किया जाता था। लेकिन पिछले सप्ताह में यह संख्या बढ़कर एक हजार को पार कर गई है। जिनमें बुखार, सर्दी, खासी, जुखाम के मरीज शामिल है। ऐसे नहीं बदलते मौसम में छोटे बच्चों को मौसमी बीमारियों के साथ संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। जिस रोकने के लिए मौसम परिवर्तन के इस दौर में छोटे बच्चों की विशेष देखभाल करनी होगी।

मौसमी बीमारी से बच्चों को कैसे बचाएं

  • >जब बच्चे अपने दोस्तों के साथ बाहर या स्कूल में खेलें, तो उन्हें बताएं कि अगर किसी दोस्त को बीमारी है, तो उससे सावधानी से मिलें। इसके अलावा, बीमार बच्चे से मिलने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोयें।
  • >मानसून सीजन की पहली बारिश में बच्चों के घर से बाहर जाने पर ध्यान रखें। क्योंकि, सीजन की पहली बारिश में एसीडिक एलीमेंट होता है, जिससे बच्चों को त्वचा संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा, बच्चों को बारिश में भीगने से बचाएं, क्योंकि इस मौसम में उनके बीमार होने का खतरा ज्यादा होता है।
  • >बच्चों के नाखून को बढ़ने न दें। क्योंकि, बढ़े हुए नाखूनों में कीटाणुओं के इकट्ठा होने का खतरा ज्यादा होता है।
  • >बच्चों को हेल्दी हैबिट्स सीखाएं। जैसे- खाने से पहले हाथ धोना या बाहर से खेलकर आने के बाद नहाना आदि। ये अच्छी आदतें आपके बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं।
  • >मानसून में बारीश की वजह से हमारे घर के आसपास या छत पर कई जगह पानी इकट्ठा हो जाता है। जिसकी वजह से वहां मच्छर पनपने की आशंका बढ़ जाती है। जिसकी वजह से मच्छर के काटने से होने वाली तमाम बीमारियां जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, अपने घर के आसपास या छत पर ऐसी सभी चीजों का खाली या ढककर रखें, जिनमें पानी इकट्ठा होने का खतरा होता है।
  • >मानसून के मौसम में बैक्टीरिया और वायरस के पनपने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। जिस वजह किसी के भी शरीर द्वारा आप संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए, किसी से भी मिलने या हाथ मिलाने के बाद हाथ जरूर धोएं।
  • >मानसून के मौसम में खुले फल और सब्जियां खरीदने या खाने से बचें। क्योंकि, बारिश के मौसम में बरसाती कीड़े-मकोड़े और कीटाणुओं की संख्या काफी बढ़ जाती है और यह खुले में रखे गए फल-सब्जियों में मौजूद हो सकते हैं। इसलिए, साफ जगह और साफ खाना खाएं तथा अपने सामने ही काटे गए फल या सब्जियों का सेवन करें।
  • >मानसून के मौसम में पानी को उबाल कर पीएं। जिससे अगर पानी में कीटाणुओं का प्रवेश हो भी चुका होगा, तो वह मर जाएंगे। इसलिए, मानसून में स्वस्थ रहने या मौसमी बीमारी से बचने के लिए उबला हुआ पानी पीएं।
  • -मच्छरों या कीड़े-मकोड़े के काटने से बचने के लिए इंसेक्ट रेपेलेंट का इस्तेमाल करें। ताकि, कोई भी मच्छर या कीड़े-मकोड़े से काटने वाली बीमारी से आपको कोई खतरा न हो।

 

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