निजी शिक्षण संस्थानाें का विराेध: पहली से 8वीं तक के बच्चाें काे बिना टीसी अस्थाई प्रवेश मिलेगा

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प्रदेश के स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में एडमिशन के लिए अब टीसी की जरूरत नहीं होगी। स्कूल में किसी अन्य जरूरी दस्तावेज के आधार पर भी अस्थाई प्रवेश मिल सकेगा। सरकारी स्कूल भी बिना टीसी के बच्चाें काे अस्थाई प्रवेश देकर उनकी सूचना शाला दर्पण पाेर्टल पर अपलाेड करेंगे। इससे सीकर जिले के करीब 3500 स्कूलाें के 10 लाख छात्र-छात्राओं काे राहत मिलेगी। इन आदेशों का प्राइवेट स्कूल संचालकों ने विरोध शुरू कर दिया है।

निजी शिक्षण संस्थान संघ सीकर व स्कूल शिक्षा परिवार ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर सात दिन में इस आदेश को वापस कराने व टीसी के लिए स्पष्ट आदेश की मांग की है। इस आदेश के विरोध में स्कूल शिक्षा परिवार द्वारा मीटिंग की जा रही है। काेराेना काल में बच्चाें की पढ़ाई बाधित हाेने के बाद भी स्कूलाें द्वारा फीस लिए जाने काे अभिभावकाें ने विराेध किया था। वहीं निजी स्कूलाें के संचालका फीस नहीं आने के चलते काफी परेशान हाे रहे हैं। बहुत से छाेटे संस्थान ताे बंद हाेने के कगार पर पहुंच गए हैं।

 

अभी तक टीसी व अन्य दस्तावेज देने पर मिलता था प्रवेश

किसी भी स्कूल में चाहे सरकारी स्कूल हो अथवा मान्यता प्राप्त गैर सरकारी स्कूल हो उसमें प्रवेश लेने के दो ही आधार हैं। या तो पूर्व स्कूल से टीसी प्राप्त की जाए अथवा शपथ पत्र के आधार पर। यदि कोई विद्यार्थी पूर्व में किसी स्कूल में अध्ययनरत रहा है तो उसे उस स्कूल से पास की गई कक्षा का टीसी प्राप्त करना होता है। उसी टीसी के आधार पर अगली कक्षा में वह किसी भी विद्यालय में प्रवेश ले सकता है।

शिविरा पंचांग के आदेशों में स्पष्ट है कि टीसी प्राप्त करने की एक निर्धारित प्रक्रिया है। अभिभावक की ओर से पहले जिस स्कूल में बच्चे को अध्ययन करवाया है। वहां से नो ड्यूज प्राप्त कर प्रार्थना-पत्र देकर टीसी प्राप्त की जाती है। नए आदेश से पहले टीसी के आधार पर ही स्कूलों में एडमिशन होते थे।

काेराेना काल में सबसे अधिक नुकसान निजी स्कूलाें काे हाे रहा है। हम स्कूलाें का बिजली-पानी व स्कूल भवन, वाहनाें की किश्तें भी समय पर नहीं दे पा रहे हैं। बच्चाें की फीस नहीं अाने के चलते हम शिक्षकाें काे वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं। सरकार का यह फैसला निजी स्कूलाें का गला घाेटने का काम कर रहा है। शिक्षा विभाग के इस अादेश के विराेध में हम 12 जुलाई काे सुबह 11 बजे ब्लाॅक व जिला स्तर पर अधिकारियाें काे ज्ञापन देकर विराेध जताएंगे

शिक्षामंत्री काे ज्ञापन देंगे : रणवा

​​​​​​​राज्य सरकार का यह फैसला बिलकुल गलत है। एक से 8वीं तक के बच्चाें काे भी बिना नाे ड्यूज के प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। सरकार काे इसमें संज्ञान लेना चाहिए जिससे कि छाेटे शिक्षण संस्थानाें का अस्तित्व बना रहे। काेविड के चलते गत दाे साल से छाेटे शिक्षण संस्थानाें के हालात बहुत खराब हैं और बंद हाेने के कगार पर पहुंच चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्राें में लगभग सभी विद्यार्थियाें की ज्यादातर फसी बकाया है। हम सबसे पहले शिक्षामंत्री काे ज्ञापन देंगे और इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई ताे आगे कदम उठाएंगे।

-बीएल रणवा, जिलाध्यक्ष, निजी शिक्षण संस्थान संघ सीकर

निदेशक की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशकाें की पालना करवाई जाएगी। आदेश काे लेकर किसी भी तरह की काेई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। निदेशालय के जाे आदेश हैं उनकी पालना सुनिश्चित करवाएंगे और बच्चाें काे स्कूल में अस्थाई प्रवेश देकर हम शाला दर्पण पाेर्टल पर सूची अलाेड करेंगे।


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