जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !
जयपुर (दिया समाचार)-पिछले साल सचिन पायलट खेमे के साथ मानेसर बाड़ेबंदी में रहे सरदारशहर से कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा ने यूटर्न ले लिया है। भंवरलाल शर्मा ने अब पाला बदल लिया है। शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अशोक गहलोत को कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री बनाया है। सचिन पायलट को भी उन्हें नेता मानना ही पड़ेगा। गहलोत मेरे नेता हैं और हमेशा रहेंगे। सचिन पायलट भी मेरे नेता हैं, लेकिन अशोक गहलोत उनसे उपर हैं।
शर्मा ने कहा, ‘मेरे काम नहीं हो रहे थे इसलिए पिछले साल सचिन पायलट के साथ मानेसर गया था, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने मेरी मांगें पूरी कर दी हैं। मेरे क्षेत्र की सभी मांगों को मुख्यमंत्री ने इस बजट में पूरा कर दिया है। प्रदेश प्रभारी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। बयान देना और जमीन पर होना अलग बात है। समय आने पर सब होगा। मेरा आशीर्वाद पार्टी के साथ है। इस बुढ़ापे में ऐसा फैसला नहीं करूंगा जिसका पार्टी को नुकसान हो। 9 जगह है और मंत्री पद के दावेदार ज्यादा हैं, सबको मंत्री नहीं बनाया जा सकता।मुख्यमंत्री और पायलट साहब को बैठकर मामले में फैसला करना चाहिए
पायलट
खेमे की मांगों पर बनी सुलह कमेटी का अब तक कुछ फैसला नहीं करने के सवाल
पर भंवरलाल शर्मा ने कहा, ‘मैं अपने 50 साल के अुनभव से बता रहा हूं कि
किसी मामले को शांत करने के लिए कमेटी बना दी जाती है। कमेटियों का हश्र
क्या होता है? यह सबको पता है। लंबे अरसे तक न्याय नहीं होता है तो मामले
को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। सुलह कमेटी के मेंबर का स्वर्गवास हो
चुका है। अब इस कमेटी को मुख्यमंत्री और पायलट साहब को बैठकर मामले में
फैसला करना चाहिए।’
पायलट बीजेपी में नहीं जाएंगे, यह गतिरोध जल्द खत्म होगा
भंवरलाल
शर्मा ने कहा कि सचिन पायलट बीजेपी में नहीं जाएंगे। पार्टी में जितना
असंतोष है नहीं, उससे ज्यादा माहौल बनाया जा रहा है। पायलट ने खुद आज तक
कुछ नहीं बोला है, उनके साथ के विधायक बोल रहे हैं। अब साथ वालों पर किसी
का वश नहीं होता। साथ वालों का तो क्या है, आज पता नहीं सुबह आपके साथ हूं
शाम को आपके साथ हूं। यह गतिरोध जल्द खत्म हो जाएगा। फोन टैपिंग के आरोपों
पर कहा कि किसी का फोन टैप नहीं हो रहा है, अगर किसी विधायक का हो रहा है
तो सामने आए।
‘मैंने भी सरकार गिराने की कोशिश की थी’
भंवरलाल
शर्मा ने कहा कि पार्टी में जो वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें उनका हक मिलना
चाहिए। मैंने भी कभी सरकार गिराने की कोशिश की थी, लेकिन अशोक गहलोत ने उस
वक्त मेरा साथ नहीं दिया। वरना मैं भी सीएम होता। उस बात का मलाल आज भी है।
शर्मा ने खुद मंत्री बनने से इनकार करते हुए कहा कि अब मुझे मंत्री बनने
का कोई चाव नहीं है।