एक टीके कीऔर उम्मीद कोरोना संक्रमण से लड़ने में 90.4% कारगर नोवावैक्स की वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल के नतीजे आए

 जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

       मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

 दिया समाचार :-

अमेरिका की कंपनी नोवावैक्स की बनाई वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल के नतीजे आ गए हैं।कंपनी ने सोमवार को बताया कि कोरोना वायरस के खिलाफ यह काफी असरदार साबित हुई है। वैक्सीन ने माइल्ड, मॉडरेट और सीवर डिजीज में 90.4% फाइनल एफिकेसी दिखाई है। ये ट्रायल ब्रिटेन में किए गए हैं। 



बेहतर रिजल्ट की वजह से जल्द ही इस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। ये वैक्सीन अलग-अलग वैरिएंट्स से प्रोटेक्ट करने में भी कारगर रही है। दुनिया भर में वैक्सीन की कमी की बीच कंपनी ने ये नतीजे जारी किए हैं।

बच्चों पर भी टीके का ट्रायल कर रही कंपनी

नोवावैक्स अपनी वैक्सीन के बच्चों पर ट्रायल की शुरुआत कर चुकी हैं। कंपनी ने 12-17 साल उम्र के 3,000 बच्चों पर ट्रायल्स शुरू किए हैं। हालांकि, इसे अब तक किसी भी देश में मंजूरी नहीं मिली है। इसमें शामिल हो रहे बच्चों की दो साल तक निगरानी की जाएगी।

अमेरिका पहले ही कर चुका 12 हजार करोड़ की डील

नोवावैक्स ने अमेरिका को 10 करोड़ डोज देने के लिए करार किया है। यह सौदा 1.6 बिलियन डॉलर (करीब 12 हजार करोड़ रु.) का है। इसके साथ ही ब्रिटेन, कनाडा और जापान के साथ भी टीके की सप्लाई के लिए समझौते किए गए हैं।

भारत के लिए कितने काम की खबर

नोवावैक्स और भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने साल में कोरोना वैक्सीन के 200 करोड़ खुराक तैयार करने का करार किया है। अगस्त में यह डील साइन की गई थी। समझौते के मुताबिक, कम और मध्यम आय वाले देशों और भारत के लिए कम के कम 100 करोड़ खुराक का उत्पादन किया जाएगा ।

अब ट्रायल के नतीजे आने के बाद कंपनी 2021 की तीसरी तिमाही में अमेरिका, यूके और यूरोप में इमरजेंसी यूज का अप्रूवल मांगेगी। इस वजह से सितंबर से पहले वैक्सीन मिल पाना मुश्किल है।

 

   

 

और नया पुराने