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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच जारी खींचतान के बीच कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब के बाद अब राजस्थान पर फोकस करना शुरू कर दिया है। हाईकमान सत्ता और संगठन की ओवरहॉलिंग की तैयारी में जुट गया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और अजय माकन इसे मूर्त रूप देने में सक्रिय हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बार मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की तैयारी है। कमजोर परफॉर्मेंस और विवादित छवि वाले मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है। कांग्रेस हाईकमान के पास कई मंत्रियों के खिलाफ गंभीर शिकायतें पहुंची हैं।
कांग्रेस हाईकमान ने गहलोत-पायलट के बीच बैलेंस के साथ आने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल फेरबदल पर काम करने का टास्क दिया है। बताया जाता है कि वेणुगोपाल और प्रभारी अजय माकन को हाईकमान ने इसी टास्क पर जयपुर भेजा था, ताकि समय से मुख्यमंत्री को पार्टी की रणनीति के बारे में अवगत करा दिया जाए। इस बार सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा प्रियंका गांधी का भी दखल रहेगा, ऐसा माना जा रहा है।
एक व्यक्ति एक पद
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को शिक्षा मंत्री पद से हटाना तय माना जा रहा है। दो दिन पहले अजमेर बोर्ड अध्यक्ष से बातचीत में भी डोटासरा खुद के मंत्री पद से हटने के संकेत दे चुके हैं। इसका वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है। इससे साफ है कि एक व्यक्ति, एक पद की नीति पर पार्टी चलने वाली है।
कुछ को संगठन में जिम्मेदारी
कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाकर संगठन में जिम्मेदारी दिए जाने के फॉर्मूले पर भी चर्चा हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश को संगठन में जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है। हरीश चौधरी पहले भी संगठन में काम करने की इच्छा जता चुके हैं। हरीश चौधरी के साथ बाड़मेर के अलावा राजनीति से जुड़े कई विवाद भी जुड़े हुए हैं।
खनन और वन मंत्री विवादों में
खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया और वन राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई को विवादों के चलते बदलने की चर्चाएं हैं। भाया के खिलाफ हाईकमान के पास भी विभाग से जुड़ी गंभीर शिकायतें पहुंचीं हैं। विधायक भरत सिंह ने लंबे समय से मोर्चा खोल रखा है। वन राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई और सीएम के संबंध भी सहज नहीं हैं। सुखराम बिश्नोई के ड्रॉप होने से बचने का एक सियासी संयोग है, वे एकमात्र विश्नोई मंत्री हैं और दूसरे विश्नोई विधायक पहली बार जीते हुए हैं, इसलिए सुखराम ड्रॉप होने से बच भी सकते हैं।
इन मंत्रियों को बदला जा सकता है
भजनलाल जाटव और अर्जुन सिंह बामणिया परफॉर्मेंस और राजनीतिक समीकरणों के वजह से बदले जा सकते हैं। अर्जुन बामणिया के जिले और बागड़ क्षेत्र में कांग्रेस कमजोर है। बीटीपी (भारतीय ट्राइबल पार्टी ) का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। भजनलाल जाटव भी परफॉर्मेंस और सियासी समीकरणों के चलते बदले जा सकते हैं। बदलने वालों में भंवरसिंह भाटी का भी नाम है, लेकिन भाटी पर कोई आरोप नहीं है। अगर बसपा से कांग्रेस मेें आए विधायक राजेंद्र गुढ़ा मंत्री बनते हैं तो ही भाटी बदले जा सकते हैं।
मंत्रिमंडल की मेगा सर्जरी
कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान सरकार के कामकाज पर पब्लिक परफॉर्मेंस और आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के हिसाब से आकलन कराया है। कांग्रेस हाईकमान के पास यह फीडबैक है कि मौजूदा टीम में बदलाव किए बिना पार्टी को नुकसान होगा। विवादित मंत्रियों की रिपोर्ट भी हाईकमान के पास पहुंची है। इन सब फैक्टर्स को देखते हुए बड़े पैमाने पर फेरबदल तय माना जा रहा है। प्रभारी अजय माकन 28 और 29 जुलाई को विधायकों से रायशुमारी करने के लिए आ रहे हैं। इसको भी सत्ता संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी के रूप में ही देखा जा रहा है।